लेखनी प्रतियोगिता - मातृत्व एक सुखद अहसास
मातृत्व - एक सुखद अहसास
आंचल में छुपने से लेकर,
आंचल में छुपा लेने तक का सफर,
अद्भुत और अविस्मरणीय है,
मां बोलने से लेकर,
मां सुनने तक का सफर,
अनमोल और अतुलनीय है,
ममता भरी छांव में पली बढ़ी मैं,
अब अपने लाडले को गोद में उठाती हूं,
तो महसूस करती हूं,
अपनी मां को, खुद में,
जब से मां बनी हूं,
अपना बचपन याद करती हूं ,
अपने कल को, खुद में जीना,
निस्संदेह अकल्पनीय है।।
प्रियंका वर्मा
31/8/23
Shashank मणि Yadava 'सनम'
01-Sep-2023 06:58 AM
Wahhhh. Beautiful and lovely
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